पृथ्वी पर जीवन समुद्रो, नदियों और बारिस पर Depend करता है। पर क्या हमारा Blue Planet अनूठा है या यूनिवर्स ने इसके जैसे कई और अनगिनत पानी से भरी दुनिया बनाई थी या है । अगर हमने पृथ्वी के पहले समुद्रो के सीक्रेट को जान लिया तो हम Aileen Life के Secrets को भी जान गए। हमारे हिसाब से पृथ्वी वो अकेला Planet है जिसकी सतह Liquid Water के समुद्रो से ढकी हुई है और यह अकेला Planet है जिसपर जीवन है। |
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अगर आप पृथ्वी के हरेक Living Organisms पर नजर डाले तो आप देखेंगे की हरेक में पानी का हिस्सा है जो System को बनाता है। |
हम basically पानी के Bag है और Chemical पानी के मौहजूद होने की वजह से ही Life को शुरू क़र पाई। |
पृथ्वी पर Liquid Water और जीवन साथ-साथ चलते है। पर हम कितने खुस-नसीब है की हमारे घर में इतना सारा पानी है। |
हमारे पास बहुत सारा पानी है तो क्या वो तब बना था जब पृथ्वी बना था या फिर उसे बाद में कोई चीज बाहर से लाई। |
क्या ये इत्तेफाक है की यहाँ पानी है या ऐसा होना तय था। Scientist ने पृथ्वी के पानी के Origin को ढूढ़ने की बहुत कोशिश की है। और जो उन्हें मिला है वो हैरान करने वाला है। हमारे Planet पर पानी होना की नहीं चाहिए था। |
वो जगह जहाँ पृथ्वी अभी है वो जगह काफी सुखी लगती है तो अगर शुरू में Earth एक नये बने गर्म Star के पास उसका Dry Rock था तो फिर उस पर पानी कहाँ से आ गया। |
जहाँ सम्भावना है वहाँ समस्या तो है ही हम उन समस्यो को हल करना चाहते है। |
पृथ्वी के पानी के Exact Source को Traces करना बहुत ज्यादा मुश्किल काम है। ये सफर हमारे Solar System के बनने के दौरान 460 करोड़ साल पहले शुरू हुआ। Space में Gas और धूल का एक बहुत बड़ा बादल था। इस Cloud के अंदर Hydrogen और Oxygen के Atoms बने।जैसा की हर Solar System में होता है, Hydrogen atoms सबसे पुरानी है, वो Big बंग के कुछ हजार साल में बने थे जब नया Universe ठंढा होने लगा था। |
Universe की शुरआत में वहाँ पर आप कह कहते है एक Primordial Fireball थी जिसमे Universe एक Plasma था लगभग 3 लाख 70 हजार सालो तक। उसके बाद Universe Neutral होने लगा और इसका मतलव ये होता है अब Electromagnetic Force की वजह से Electron और Proton साथ में जुड़ कर Atom बनने लगे और इस तरह जो Universe पहले Plasma से भरा था वो ज्यादातर Hydrogen Gas से भर गया। और फिर Hydrogen ने खुद ही Oxygen को Create किया। |
Oxygen Atom Universe में बहुत ज्यादा पाए जाते है। तो इनके मिलने से जो भी बनेगा बहुत सारा बनेगा। |
अगले कई लाख सालो में ये बेहद Reactive Atom आपस में जुड़े और H2O यानी पानी बन गया। |
Water काफी Simple Molecules होता है। वो Two Hydrogen और ओने Oxygen से बनता है। |
ये नया बना पानी गैस Cloud के अंदर Dust Grain से चिपक जाता है। जिससे धीरे-धीरे Ice के Crystal बन जाता है। आखिर में वो Ice Dusty Cloud इतना घना हो जाता है की Gravity से Collapse हो जाता है। ये उस Process की शुरुआत है जिससे हमारा Solar System बना है। यहाँ पर इतना पानी है की पृथ्वी के Ocean को 30 लाख बार भरा जा सकता है। |
जब हम उन Star को देखते है जो अभी बन रहे है और हम कई सौ हजारो को Study करते है। हम देखते है की Young Star के इर्ध-गिर्ध बहुत सारे Material की Disk घूम रही है और Material में गैस Dust और बेसक बहुत सारा पानी है। |
Gravity ज्यादा से ज्यादा Material को Cloud के Canter की तरफ खींचती है जिससे Presser और Temperature बढ़ते है। आखिर में बहुत ज्यादा Forces की वजह से Fusion होता है और एक Protostar हमारा नया Sun ज़िंदा हो जाता है। ये नये बने Star के आस-पास के पानी के लिए अच्छी खबर नहीं है। |
जब एक Star बनता है तो उसका Environment बहुत ज्यादा गर्म और violent होता है। जो भी पानी उस इलाके में था क्योकि पानी एक Volatile Material है वो खत्म हो गया होगा। किसी भी Star की Formation के दौरान वहाँ आस-पास पानी नहीं हो सकता। Astronomer का मानना है की शुरू के Sun ने अपने इर्ध-गिर्ध की ज्यादातर Dust और पानी को अंदर खींच लिया होगा और फिर इस मलवे को Steam के super-heated Jet के रूप में Space में फेका होगा। पृथ्वी की सबसे ज्यादा Volcanic जगहों पर इसी तरह की Processes गर्म पानी को हवा में उछालती है। |
Protostar के आस-पास भी बहुत सारा पानी होता है और Protostar के इर्ध-गिर्ध Magnetic field Basically Tunnel बनाती है जिनसे पानी बाहर आ सके और वो पानी बहुत ज्यादा Pressure के साथ इन Tunnel से बाहर निकलता है। |
Space में Super-heated Water Magnetic Weak Spots और Protostar के कोर से बाहर निकलता है। इन बड़े Steam Jet के अंदर Water के Pocket आखिर में ढंड की वजह से Solid Disk हो कर बर्फ के टुकड़ो में बदल जाते है और ये Machine Gun Bullet से 80 गुना तेजी से Protostar से दूर चले जाते है। हमारे Young Solar System के साथ क्या सच में यही हुआ था। |
अगर हम वो सब देख पाते तो बहुत अच्छा रहता। पर अच्छी बात ये है की हमारी Galaxy में Star बनते रहते है। तो हम पूरी Galaxy में Protostar को Study कर सकते है और समझ कहते है। उस वक्त Sun के साथ क्या हुआ होगा। |
सन 2011 में Astronomers ने Sun जैसे एक Star को बनते हुए देखा। उनके Telescope ने दिखाया की वहाँ गैस की एक Central ball अपने इर्ध-गिर्ध महजूद Cloud से Mater को अंदर खींच रही है और फिर एक करोड़ Amazon नदियों जितनी पानी को ब्लास्ट कर रही है। हमारे Solar System के बनते वक्त भी सायद इसी तरह की Processes से ज्यादा तर पानी निकला होगा। Sun के Mature होने के साथ वो Jet सुख गए और बचे हुए पानी पर एक नया खतरा मंडराने लगा। Charged Particle की Hot Stream जिसे Solar Wind कहते है। |
जैसे-जैसे Sun की गर्मी बढ़ी आस-पास की बर्फ पानी में बदल गयी और फिर जब Sun की गर्मी और बढ़ी तो वो पानी भाप में बदल गई और फिर जब Sun से Solar wind निकलनी लगी तो Sun चमकने लगा। उसने पानी को बाहर फेकना शुरू कर दिया। Solar wind Sun की बाहरी Layers से Plasma की एक Supersonic Stream फेकती है। वो पास के Cloud से टकराती है और ज्यादातर गैस और Water Ice को बाहर फेक देती है। जो पीछे छूट जाता है वो सिर्फ Dust है जिसमे Water के Terraces चिपके हुए है। Sun से काफी ज्यादा दूर जाने पर Solar wind का असर कम हो जाता है और वहाँ ढंड भी ज्यादा होती है। इसका नतीजा होता है Sun से 80 करोड़ किलोमीटर की दुरी पर Water Ice की एक Boundary जिसे Snowline कहते है। |
जब Astronomer Snowline की बात करते है तो वो ये बताना चाहते है की एक Yung Sun से कितनी दुरी पर Water Content हो सकता है। इतना सर्दी कितनी दुरी पर होता है की भाप Condense हो कर पानी की बूंदो में और बर्फ में बदल सके। उससे ज्यादा पास आने पर सिर्फ गैस होती है। |
Solar System का पहला और सबसे बड़ा Planet Snow land पर ही बनना शुरू होता है। जहाँ पर Ice सबसे मोटी है वहाँ टुकड़े बनते है और फिर Gravity की वजह से आपस में जुड़ जाते है। एक बहुत बड़े Snow Ball बन जाती है। वो अपने आस-पास के सारे Matter को खींचती है पर आखिर में एक गैस Giant Planet Jupiter बन जाता है। जहाँ पर Snow Land पतली होती है इसी तरह की Processes दूसरे गैसी Planet को बनाती है। Saturn ,Uranus और Neptune। Snow Land की अंदर की सुखी Side पर Dust साथ में जुड़ कर छोटे Rocky Planet की एक Planet की एक Family बनाती है। इनमे Earth भी शामिल है ।बहुत से Astronomer का मानना है की हमारा Planet जली हुई Rocks से बना है। जिनपर पानी की कुछ Microscopic बुँदे चिपकी हुई थी। पर यहाँ तक की पानी का कीमती Reserved भी हमारी Planet की History की सबसे खतरनाक घटना का शिकार होने वाला था। 460 करोड़ साल पहले हमारा Solar सिस्टम:- Earth उन कई Rocky Balls में से एक है जो Sun के इर्ध-गिर्ध बन रही है और हमारे यंग Planet की Gravity आस-पास के Dust Cloud से मलवे के टुकड़ो को लगातार खींच रही है। पृथ्वी को Hit कर रहे Rock में बहुत थोड़ा पानी है। ये उस वक्त का बचा हुआ पानी है जब Sun बना भी नहीं था। इस नई बनी Planet पर इस पानी की बचनी की उम्मीद बहुत कम थी और इसकी वजह थी कई High Speed टकरावो से पैदा हुई गर्मी। |
एक Planet का बनना एक बहुत Violent Process होता है। |
उन टककरो के मिले-जुले असर ने नए बने Earth की सतह को उबाल दिया। |
बहुत सारी टककरें हुई और एक बहुत High Temperature Activity तो अगर कुछ पानी था भी उस का वहाँ टिकना मुश्किल था उस Heat और Energy की वजह से बचा हुआ पानी भी उर गया होगा। |
6 करोड़ साल बाद Planet का बनना धीमा हुआ और Earth की सतह इतनी डंडी हो गई की Crust बन सके। जो भी पानी बचा था वो अंदर फस गया पर ज्यादा देर के लिए नहीं । इस शुरू के Solar System में आज से ज्यादा Planets है। उन में से एक Thiya पृथ्वी की तरफ बढ़ा। Thiya ने हमारे Planet के Crust के बड़े हिस्सों को बाहर निकाल दिया। पत्थर के टुकड़ो से मलवे के एक बहुत बरी Ring बनी आगे चल कर जिनके इक्क्ठा होने पर हमारा Moon बना। उस टककर की वजह से पृथ्वी एक बार फिर लावा की Ball बन गई। और उसकी गर्मी ने बचे-खुचे पानी को भी उड़ा दिया। Thiya से टकराने के बाद पृथ्वी का Crust बिलकुल सुख गया। तो फिर ये सारा पानी कहाँ से आया जो हम आज देखते है। इसके सिर्फ दो Options है:- अगर उस पानी को बचना था तो जरूरी था की वो बहुत ज्यादा घहराई में हो जहाँ से वो Evaporate न हो सके या फिर वो पृथ्वी के बनने के बाद आया था । तो क्या हमारा पृथ्वी Originally उस पत्थर से बना था जो बहुत गीला था या फिर ये Ocean Earth को काफी बाद में कही और से मिले। शुरू में Delivery वाली वात ज्यादा सही लगती है। बहुत दूर Neptune के Orbit से आगे Ice Material का एक बहुत बड़ा Band है जिसे Kuiper Belt कहते है। वो गैस Giant Planet के बचे हुए Building Block से बनी है। इस बरफीली मलवे के टुकड़े जिन्हे Co-mates कहते है। कभी-कभी Inear Solar System में आ जाते है । तो क्या शुरू के पृथ्वी पर ये Co mates अपने साथ पानी ले कर आये थे। |
Comates basically बड़े और धूल भरी Snow Ball होते है वो वर्फ के विशाल गोले होते है जिनके अंदर चट्टाने, पत्थर, बजरी और धूल भरी होती है। |
हमारे हिसाब से Comates का 50 % हिस्सा Ice होता है। तो अगर आप Solar System में कोई चीज ढूढ़ रहे हो जो पृथ्वी पर पानी का source हो तो जाहिर है सबसे पहले आप Comates के बारे में ही सोचेंगे। |
तेजी से चल रहे Comates रात के आसमान में बहुत ही खूब सूरत लगते है। जैसे-जैसे ये Sun के करीब पहुंचते है Solar wind इन Dusty Snow Ball की सतह से Water Blast करती है जिससे चमकती हुई Tail बनाती है जो लाखो किलोमीटर तक लम्बी हो सकती है आज-कल Comates का Inear Solar System में बहुत कम आना होता है। पर 400 करोड़ साल पहले वो बहुत सारे थे और पृथ्वी उनके निशाने पर था। |
इस बात का कोई सक नहीं है की Outer Solar System में Ice Body अंदर आ कर Earth से टकराई होगी वो पानी कितना लाई होगी ये एक अलग बात है। |
Moon के बनने के बाद के समय के जो Rock है उनसे पता चलता है की शुरू के पृथ्वी पर बहुत बड़े Ocean थे। Scientist ने Calculate किया उनको भरने के लिए कितनी टककरें हुई होगी Number हैरान कर देने वाले है:-- |
Comates अलग-अलग Size के होते है और अगर आप उनका Average Size ले तो पृथ्वी के Ocean को भरने के लिए 2 करोड़- 3 करोड़ Comates गिरे होंगे। |
अगर पृथ्वी पर करोड़ो Comates पानी लाये थे तो उन्होंने ये बहुत जल्दी किया होगा और वो भी Moon के बनने के बिलकुल बाद। Astronomers इन Arcade Fire बर्फीले हमलो का सुराग ढूढ़ने के लिए Solar System पर नजर डालते है वो सुराग उन्हें बहुत ही अजीव जगह पर हमारे सूखे हुए Moon पर मिलता है। पृथ्वी Solar System का वो अकेला Planet है जो Ocean से ढकी हुई है। ये लगभग ३२ करोड़ Cubic Mile पर फैला है। इन्होने Planet के 70 % Surface को ढाका हुआ है। इतनी ज्यादा Quantities होनी की वजह से पृथ्वी का पानी हमारे Expert को परेशान कर देता है। क्यों हमारे Planet का Crust जन्म के वक्त सूखा था । |
अगर आप हमारे Solar System में Distribute हुए पानी पर नजर डाले तो वहाँ Inear Solar System में Ice की कोई Chance नहीं है। तो फिर हमारा Planet पृथ्वी पर जो Sun के इतने पास है, इतना पानी आया कहाँ से। |
हो सकता है ये पानी Snow Land के आगे से आया हो और उसे Ice Comates लाये हो। पर पृथ्वी के Oceans को भरने के लिए लाखो- करोड़ो टककराओ चाहिए होंगे। |
आज Ocean के पास जा कर ज़रा ध्यान से देखे तो वहाँ कितना सारा पानी है और सोचियेगा वो Ice के तुककरो के जरिये कैसे पहुंचा होगा कमाल का Idea है ये। |
अगर मान ले की पृथ्वी के Ocean को Comates ने पानी दिया था। तो सवाल उढ़ता है इतने Comates हमारे Planet से ही क्यों टकराये इसका सुराग Moon के Creator के अंदर छुपा है। 1970 में Apollo Astronomers Moon के बड़े Creator के Rock इक्क्ठे किये ताकि पता लगाया जा सके वो कब बने थे। |
हम उन्हें अपनी Laboratory में ले गए ये पता लगाने की वो कितने पुराने है। |
Planetary Geologist मान रहे थे वो Creator लगभग उस वक्त बने थे जब Moon बना था पर उन्हें एक बड़ा झटका लगने वाला था। |
हमे पता चला की Moon पर महजूद ज्यादातर बड़े Impact Pasadena नहीं बने थे जब Moon बना था बल्की वो उसके करोड़ो साल बाद बने थे। उस Periods में जिसे हम Late Heavy Bombardment कहते है। Late इस लिए क्योकि वो पृथ्वी और चन्द्रमा के बनने के करोड़ो साल बने थे। |
Late Heavy Bombardment तब हुई जब गैस Giants Alliance हुए। उनकी Combined Gravity ने Marsh के पास महजूद Asteroid की एक बिसाल Belt को तीतर-बितर कर दिया। इस वजह से पृथ्वी Moon और दूसरे Inear Planets पर Rocky की बौछार हुई। Neptune बाहर की तरफ जा कर Kipper Belt के Comates के साथ टकराया और इन्हे भी अंदर की तरफ भेज दिया। |
उथल-पुथल मच गई 99 % Kipper Belt गायब हो गई। बहुत सी Body यहाँ-वहाँ बिखर गई Moon पर हमें वो निशान दिखाई देते है जो Creator से ढके हुए है। |
पृथ्वी भी उसी Bombardment से नहीं बच पाया चन्द्रमा तो Target था ही पर Space में पृथ्वी उस से भी बड़ा था। पृथ्वी पर भी लगभग 20 या 30 Creators बने थे। आज वो हमें हर जगह नहीं दिखाई देते क्योकि ये एक Lifele Planet है जहाँ Geological Processes उन Creators को मिटा सकती है। |
पृथ्वी पर Late Heavy Bombardment की बौछार हुई पर तब गिरने वाले कितने Comates के अंदर पानी भरा हुआ था हमें नहीं पता है और ये Science के सबसे बड़े सवालों में से एक है की क्या उस वक्त पृथ्वी पर पानी पहुंचाने का काम कौन से Comates ने किया होगा। अगर हमारे Oceans को Comates ने बनाया है तो उन्होंने अपने पीछे Unique Chemical Signatures छोरा होगा। क्योकि सभी पानी एक से नहीं होते है। पृथ्वी पर Ordinary Water की हर 10000 बूंदो में में तीन बुँदे Samey Heavy Water की होती है। एक Rarer Molecule जो Hydrogen की जगह Utrarium का बना होता है। |
Utrarium एक Normal Hydrogen Molecule होता है। सीबाई इसके उसमे सिर्फ एक Proton नहीं होता है उसमे एक Proton और एक Neutron जुड़े हुए होते है। |
Deuterium में Extra Neutron से Wait बढ़ता है और इसीलिए इन Atom से बने Water को Heavy Water कहते है। Samey Heavy Water ठंढी जगहों पर ज्यादा आसानी से बनता है तो Sun के पास से इलाको के मुकावले में वो Solar System के बाहरी छोर पर ज्यादा होता है। |
Deuterium और Hydrogen का जो Ratio है वो इस खोज में बहुत अहमियत रखता है की हमारे Solar System में पानी कहा बना था। हम Heavy Water की Quantity से पता लगा सकते है की वो पानी कहाँ बना था। हम Heavy Water की Quantity से पता लगा सकते है की वो पानी कहाँ और कैसे बना था। |
सन 1986 में Scientist को पहली बार Comates Water की Chemistry को Test करने का मौका मिला। जब Heelys Comates ने एक बार फिर से रात के आसमान में वापसी की। Astronomers Samey Heavy Water के Signatures को ढूढ़ने लगे। पर जो Result सामने आया उसने उन्हें हैरान कर दिया। |
उन्होंने उन्हें पहली बार उस Water का वजन किया पता चला की वो Earth के Water दुगनी Heavy है। |
Comates Heal Kataki और Heal bod 1990 में पास से गुजरे। ये हाल ही में देखे गये Comates उन Comates जितने ही पुराने है जो Late Heavy Bombardment के दौरान पृथ्वी पर गिरे थे। और पता चला Heal kataki और Heal bod में पृथ्वी के ocean से कही ज्यादा Samey Heavy water है। |
Scientist परेशान हो गये क्योकि जितना पानी पृथ्वी पर महजूद Oceans में है वो सिर्फ Comates से नहीं आ सकता था। सन 2014 में Rosetta Space Chrome के पास से गुजर रहे Comates को Major किया और Result ने बात ही खत्म कर दी। उसमे पृथ्वी के मुकावले 3 गुना ज्यादा Samey Heavy water Content था। |
जब हमने पृथ्वी के Oceans और Atmosphere की Chemistry को Comate की Chemistry से Match किया तो वो बहुत ही अलग था। |
जब उन Comates को बनानेवाले water Molecule के अंदर के Hydrogen के Flavor को देखते है जिन्हे हमने अभी Major नहीं किया है। तो वो उस water के Flavor से नहीं मिलता है जो water हमारे Planet पर पाया जाता है। |
मेरे दिमाग में ये बात बिलकुल Clearer है की पृथ्वी का सारा पानी Comates नहीं ला सकते थे। |
तो अगर ये काम Dusty Snowball का नहीं था तो फिर किसका था। एक अजीब सा Candidate सामने आने लगा सन 2011 में Donspace Globe Giant Asteroid Vesta के पास से गुजरा। हम सोचा करते थे की Vesta जैसे Rock की Object बिलकुल सूखे होते है। पर Observation Team को उसकी सतह पर पानी होने का सुराग दिखाई दिया और Vesta का पानी पृथ्वी के Oceans के साथ Chemically Perfectly Match कर गया। |
वो बिलकुल उस तरह का था जैसा पृथ्वी पर पाया जाता है। उसके बाद ऐसा लगने लगा की पृथ्वी पर water पहुंचाने का काम उस तरह के Asteroid ने किया होगा। |
Scientist ने अपना फोकस Comates से Asteroid पर Sift कर दिया। पर ये सूखे से दिखने वाले Rocky पृथ्वी के Oceans को पानी से कैसे भर सकते है जो कभी बन नहीं सका। हमारे Solar System में 4 Rocky Planets Mercury Venus Earth और Marsh लेकिन वहाँ पर पांच होने चाहिए थे। |
करोड़ो साल पहले समारे पुरे Solar System में Planets बन रहे थे। पर Mars और Jupiter के बिच एक Area था जहाँ पर Jupiter की Gravity वहाँ बन रही हर चीज को खींच कर अलग कर देती थी। |
आज ये Gravitational जंग का मैदान उस Rocky Planet के बिखरे हुए अबसेसो से भरा है जो उस वक्त बन नहीं पाया था। उसके मलवे ने सुन ने ईध-गिर्ध एक बड़ा Band बना रखा है जिसे Asteroid Belt कहते है। Asteroid Belt के अंदर महजूद Rock के Size के Range रेत के एक कन से लेकर कई सौ किलोमीटर चौरी विशाल चट्टान तक है। |
जब मैने Astronomy पढ़ने शुरू की हम उन्हें Rock, Dry Rock कहते थे। अब हमें पता चला की कुछ बड़े Asteroid में बहुत सारा पानी यहाँ तक Liquid water भी हो सकता है। |
Asteroid water से जुड़ी हमारी जानकारी के पीछे Meteorites की Study है। ये Asteroid Belt से आये छोटे टुकड़े है जो कभी-कभी पृथ्वी पर गिरते है। 400 करोड़ साल पहले Late Heavy Bombardment के दौरान पृथ्वी के साथ अनगिनत Asteroid टकरा रहे थे। हर टककर से इतनी ज्यादा Heat निकली की Asteroid के अंदर फसा water Vapour बारिस बन कर फिर से जमीन पर गिरा और यही water आज भी हम देखते है अपने Oceans, Rivers और यहाँ तक की अपने कॉफी कप में भी। |
जब हम पृथ्वी के पानी में Deuterium के Finger Print देखते है तो वो Comates के मुकावले Meteorites और Asteroid से ज्यादा अच्छे से Match होते है। तो हा बेसकली थोड़ा सा पानी Comates से आया था पर वो ज्यादा तर पानी जो आपकी Body में अभी है हो सकता है वो Asteroid Belt से आया हो। कुछ समय पहले तक ऐसा लग रहा था की पानी से भरे Asteroid ने पृथ्वी की Oceans की Mystery को Solved कर दिया है। पर एक कमाल की नहीं Geological Discovery से पता चला है की ये टककरें खानी के सिर्फ एक ही हिस्सा है। |
पृथ्वी की सतह पर हद से ज्यादा पानी है। Pacific Ocean का जो Area है वो पृथ्वी से सतह का लगभग आधा Area है उसमे करोड़ो Qubicmile पानी है और फिर भी मै आपको बताऊ पृथ्वी का सारा पानी वहाँ नहीं है। बहुत सारा पानी सतह के निचे है। |
पिछले कुछ सालो मै Scientist को एक चौका देनेवाली बात पता चली। पृथ्वी की Crust की गहराई मै गर्म Rock की एक Layer है जिसमे बहुत सारा पानी है। Seismologist को ये बात Earthquake के Rambles Analysis के दौरान पता चला जब बड़ा Earthquake आता है Low Frequency Sound wave Crust से पता चला है की जब Sound Wave Crust में 480 किलोमीटर निचे Rock की सुलगती Layer तक पहुँचती है तो इनकी Speed कम हो जाती है और हमें मालुम है की Rock में से गुजर रही Sound Wave को सिर्फ एक चीज धीमा कर सकती है--- पानी। |
वो समुन्द्र के पानी जैसा नहीं है वो water molecules है जो Mineral और दूसरे Molecules से जुड़े है पर उस सारे पानी को साथ में मिला दे तो वो उस पानी से भी ज्यादा हो जाएगा जितना पानी कुल मिलाकर पृथ्वी के सारे समुन्द्र में है। |
ये इतना सारा Underground water सच में एक Puzzle है। क्योकि ऐसा हो ही नहीं सकता की Comates या Asteroid पृथ्वी के Crust में इतनी अंदर तक पहुंच पाये। |
वो पानी पृथ्वी के अंदर है इतने सारे पानी को सतह के निचे कई सौ किलोमीटर अंदर Mental में पहुँचाना कोई आसान काम नहीं है तो ऐसा लगता है की जो पानी वहाँ है जो हमें मिला है वो वहाँ तभी आ गया था जब पृथ्वी बन रहा था। जिस वक्त पृथ्वी बना उस वक्त Mix में बहुत सारा पानी भी रहा होगा पर इस छोटे से Fact का मतलव ये है की अभी तक हम अपने Planet के जन्म के वारे में जो भी जानते है वो गलत है। sun की गर्मी पृथ्वी की सतह पर सबसे गर्म जगहों से पानी को Evaporate करती है। यहाँ दूर-दूर तक Sand dunes है बिलकुल भी पानी नहीं है। 500 करोड़ो साल पहले वो Great Cosmic Deseret जो Young sun और Snow Land के बिच है। बिलकुल सूखा था तो फिर इस Rocky और सुखी Dust से हमारे Planet का Weatinternal कैसे बन सकता था। |
हमे लगता हे की वो Material जो Solar System में बन रहे थे वहाँ पर जहाँ पृथ्वी है वो उससे कही ज्यादा Dryiet है जितना पृथ्वी में जो Water Rich Material आया वो कही और से आया होगा। |
ये सारा Extra Cosmic Water आया कहाँ से कोई चीज उसे Snow Land की Weat Side से वल्क में ले कर आई होगी। इस एक सुराग दूर के Exoplanet को देखकर मिलता है जिन्हे उनके Parent Planet ज़िंदा उवाल देते है। |
हमने देखा की बहुत से Jupiter के Size के Planet अपने Star के बहुत पास है कही-कही बहुत ज्यादा पास उससे भी ज्यादा जितना Mercury Sun के पास है। |
शुरू में ये Star Craig Giant Mysteries थे। ये Snow Land के वल्क से इतने दूर होने के वावजूद इतने बड़े कैसे है। इसका एक ही Solution है ये Planets अपने Star से कही बहुत दूर बने होंगे और फिर बाद में पास आये होंगे। |
हम जानते है की उस तरह की Planets वहाँ नहीं बन सकते थे वो बहुत बड़े है। वो जरूर कही दूर बने होंगे और फिर आये होंगे Migrant होंगे और अपने Star के तरफ और ये Interesting है क्योकि आप सोचने पर मजबूर हो जाते है की कया हमारा Solar System हमेसा से ही ऐसा था जैसे आज है या हमारा Planets आगे या पीछे गये है। |
Exoplanets को देखने के बाद Astronomers को हमारे Solar System के Formation के बारे में एक नई Theory पेस करनी पड़ी। उसे Grandage कहते है और इसमें Jupiter अचानक रास्ता बदलता है। |
एक Time था जब Young Sun के ईध-गिर्ध Dust और गैस की Dice बहुत मोटी थी और वो Orbit में घूम रहे Planet को रोकती थी। |
Grandage Model में Jupiter Snow Land की बाहरी Belt Side पर बना था। पर फिर आस-पास के Matter से Slow होने की वजह से उस गैस Gaint का Orbit चकरी की तरह घूमता हुआ Sun के पास आ गया था। |
हमारे पास इस बात का ठोस सबूत है की कभी Jupiter वहाँ तक पहुंच गया था जहाँ Marsh का Orbit है और जब Jupiter पास आया तो वो Snow Land की दूसरी तरफ से बहुत सारा पानी ले कर आया। |
इस दौरान वो Material जो Solar System में बहुत दूर था वो उस Region में आ गया जहाँ पर पृथ्वी बन रहा था। ऐसे में पृथ्वी के Dry Material में Water Rich Material का मिलने का Chance था। कह सकते है की वो एक बहुत बड़ा Snow Cloud था वो सारे Material को अंदर की तरफ ला रहा था तो जिस वक्त पृथ्वी बन रहा था। Jupiter Solar System के बाहरी हिस्से से कुछ Ice Bodes को वहाँ पे ले कर आया होगा जहाँ पर पृथ्वी की Formation हो रही थी, जहाँ पर पृथ्वी का बनना अभी बाकी था। |
Jupiter का Inver speller 10 लाख सालो बाद रुका जब Satan बना। जब इन दो Planet की Gravity ने एक दूसरे पर असर डाला तो वो Tag बदल कर Sun से दूर जाने लगा। जो पानी Jupiter पीछे छोर गया उसने Dust के साथ मिलकर पृथ्वी और उसके आस-पास Rocky Planets को बनाया। पर पृथ्वी के अंदर फंसा ये पानी शुरू के Oceans में कैसे बदला हो सकता है Volcano की अहम भूमिका रही हो। |
यहाँ Young Earth के बारे में सोचिये यहाँ बहुत ज्यादा Volcanic Activity थी। राख से भरे Cloud थे और Dust निचे गिर रही थी पर उन सब में Water Vapour भी रहा होगा। वो Water Vapour जो Atmosphere में Cool और Condense हुआ होगा उनसे हजारो-लाखो सालो के बाद बादल बने होंगे और फिर वो घड़ी आई होगी जब Atmosphere में इतना पानी हो गया होगा की बारिस हुई होगी। तो मतलव पृथ्वी पर पहली बारिस करोड़ो साल पहले हुई थी। |
वो Volcanic Water बरसात बन कर पृथ्वी के सतह पर बरसा और पहली नदिया , समुद्र बन गये। ये पृथ्वी पर Comates और Asteroid की बौछारों से बहुत पहले की बात है। Comates और Asteroid पृथ्वी पर थोड़ा पानी लाये पर अगर Grandage Theory सही है तो जो भी Water हम आज Oceans में देखते है वो Jupiter की दें है और पृथ्वी वो अकेला Planet नहीं है जिसपर Jupiter ने पानी पहुंचाया था। हो सकता है Mars और Vines दोनों पर कभी Oceans रहे होंगे। अपने Living Blue Planet को सही माइनो में सहराने के लिए हमे जानना होगा की यहाँ पानी क्यों रहा जबकि हमारे परोसी Planets सुख गये। पानी हमारे Planet की जान है वो Vapour बन कर आसमान में बादल बना देता है, liquid बन कर हमारी जमीन को काटता है और तरासता है। वो हर जिन्दा चीज के हरेक Seal में है और Space से देखने पर पृथ्वी के नील Oceans नजर आते है जबकि हमारे परोसी Planet बेरहम और बेजान है। |
दूसरे Planet को देखकर पता चलता है की पानी के न होने पर किस तरह की तबाही होती है। पानी सिर्फ Biological Life के लिए ही जरूरी नहीं है इसे ख़ास Molecules के न होने से Planet का पूरा Evaluation पूरी तरह से बदल जाता है। |
सारे Inear Planets एक ही Materials से बने है और इस बात का अच्छा सबूत महजूद है की कभी Vines और Mars पर भी Oceans हुआ करता था, पूरी सतह शानदार River और Steam Belt से ढकी हुई थी अब वो खाली है। पर एक जमाना था जब वो विलकुल वैसे दीखते थे जैसे पृथ्वी पर है। |
हमारे पास इस बात का सबूत है की जब Vines young था तब उस पर पानी था। हलाकि हमने Vines को उतना Explore नहीं किया है जितना की Mars को किया है। तो जो सबूत हमारे पास है उसे पता चलता है की ये सभी planet शुरुआत में वैसे ही थे और Watery Phase से गजरे थे। |
सीधी सी बात है इन करोड़ो सालो में ऐसा कुछ हुआ था जिनसे उन planet से उनका पानी छीन लिया। |
तो हमारे परोसी planet सुख क्यों गये, लगभग 450 करोड़ साल पहले Mercury बना। ये हमारे Solar System से सभी planet में Sun के सबसे पास है, यही सबसे छोटा भी है। वो छोटा Mercury हमारे मूम से जड़ा सा बड़ा है और जब सतह पर पानी को पकरने की बात आती है तो Size से फर्क परता है। |
अगर वो planet छोटा है तो उसका पानी Space में उड़ जाएगा क्योकि उसके पास उसके पकड़े रखने के लिए Gravity नहीं है। |
उसके बाद अगला planet है Vines, पृथ्वी के Size का Vines अपने पानी को पकडकर रखता है कम से कम कुछ देर के लिए। 400 करोड़ साल पहले Vines और पृथ्वी जुडवा दीखते थे उन दोनों के पास Liquid Water Oceans थे वो दोनों मोटे Atmosphere से ढके हुए थे। पर Vines जो Sun के ज्यादा पास है ज्यादा गर्म हो गया उसके Oceans Evaporate हो गये जिससे Atmosphere में Water Vapour भर गये। वो एक Powerful Greenhouse गैस है उसमे Vines और ज्यादा गर्म हो गया। |
Vines एक बहुत खतरनाक Cycle में फस गया था Rock में से पानी बाहर आ गया। Minerals इतने High Temperature तक Break हो गये की उन्होंने अपने Water Vapour Release कर दिये, पानी के Condense होने की कोई उम्मीद नहीं थी। बहुत गर्मी थी इसीलिए बारिस नहीं हुई और फिर पानी Atmospheres में ऊपर और ऊपर जाता रहा और आखिर में गायब हो गया। और अब Vines किसी नर्क से कम नहीं है जो एक मोटे Atmosphere के निचे ऊबल रहा है। |
सभी Rocky planet में Mars Sun से सबसे दूर है कभी इसका Northern Hemisphere 1 .6 किलोमीटर गहरे Oceans ढका हुआ था। पर वहाँ गर्मी और Gravity की कमी नहीं थी जिससे Mars ने अपना सारा Liquid Water खो दिया, Mars के Oceans को Redaction ने छीन लिया। |
Mars के पास Magnetic Field नहीं है और आपको Magnetic field चाहिए होती है उस सोलर विंड, उन Subatomic Particle से बचने के लिए जो Sun से आते है। |
पृथ्वी के पास एक Magnetic Field है जो इसके Spinning Molting Iron Core से Generate होती है। ये Field हमारे Sphere को solar Wind से बचाती है। Mars पृथ्वी से छोटा है इसीलिए उसका Core ठंढा हो गया जिससे उनकी Magnetic Field खत्म हो गया। और उसके Atmosphere को solar Redeations के हमले से बचानेवाला कोई नहीं बचा। Mars के पानी के बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। |
आनेवाली Radiation में Oxygen में से Hydrogen को Slept कर दिया और Hydrogen बहुत हलकी होती है तो वो Space में चली गई उसके बाद Mars पर रह गई बहुत साड़ी Oxygen इस लिए Mars को Red planet कहते है क्योकि वो बहुत Dusty है और वो सारी Oxygen जो पानी में हुआ करती थी वो पत्थरो में है। |
Marsh के Oceans Evaporate हो गये और पीछे छूट गये बर्फ के निशान और Lands पर लाल रंग के धब्बे। 4 Rocky Planets जो एक ही समय में एक जैसे Building Material से बने और उन में से सिर्फ एक Lucky रहा:-- हमारा पृथ्वी। |
पानी पृथ्वी पर Life के लिए बहुत जरूरी है, ये Organic Molecule के लिए एक Perfect Solvanet है। Life की Machine को चलाने वाला है और कोई भी पानी के बिना नहीं जी सकता है। |
पानी पृथ्वी के Geology चलाता है मौसमो को चलाता है, Biology को चलाता है। इसीलिए इसे बेहद Special Substance कहना सही होगा। |
1400 करोड़ो साल और बहुत अच्छी किसमत चाहिए थी पृथ्वी पर पानी होने और इतनी देर तक ठीके रहने के लिए बाकी हम Envelope हो सके। हम अपने शुरू के Oceans को जितना समझ पाए उतना ही ज्यादा जान पाएगे की Universe में वो और कौन से दुनिया है जिनकी किसमत पृथ्वी की तरह अच्छी थी। |
Tuesday, 6 March 2018
The First Ocean
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